ओम नीरव

मंगलवार, 26 अप्रैल 2016

बरसों सहेजकर रखने योग्य उत्कृष्ट ग्रन्थ-'गीतिकालोक'

Mamta Ladiwal 

संकलन-गीतिकालोक          कृतिकार-ओम नीरव
पेज-280                            मूल्य-₹300
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        कवितालोक समूह के साझा संकलन "गीतिकालोक" का 07 अप्रैल 2016 को सुलतानपुर उत्तर प्रदेश में अवनीश त्रिपाठी जी के संयोजन में भव्य विमोचन समारोह हुआ। परिस्थितिवश मेरा जाना तो संभव नहीं हुआ वहां लेकिन जब ये संकलन मेरे हाथों में आया तो उस ख़ुशी को मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकती ।
              आदरणीय ओम नीरव जी जिस पुस्तक का सम्पादन करें उसे तो ख़ास होना ही था लेकिन ये मेरी सोच और उम्मीद से भी कहीं ज्यादा ख़ास और महत्वपूर्ण है। प्रचलित मापनियां और आधार छंद , तुकांत विधान और तकनीकी शब्दावली जैसे विषयों को इतने विस्तार और सरलता से पुस्तक में बताया गया है कि बरसों बरस इस कृति को हर कोई सहेज कर रखना चाहेगा और इतनी मेहनत अगर कोई साहित्यकार कर सकता है तो वो सिर्फ और सिर्फ आदरणीय ओम नीरव जी ही हो सकते हैं।
         'गीतिकालोक' में संकलित सभी रचनाएँ श्रेष्ठ हैं और सुखद ये है कि हर गीतिका और मुक्तक का शिल्प भी साथ में दिया गया है। ऐसी अद्भुत और अनमोल कृति का मैं भी हिस्सा बनी इसके लिए मैं अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली मानती हूँ । कवितालोक सही मायनों में साहित्य के प्रति समर्पित समूह है और ये कृति 'गीतिकालोक' स्वयं इस बात का प्रमाण है ।
       साथ ही मेरी ख़ुशी की वजह तो एक और भी है...पुस्तक के आखिर में हिसार में हुए कवि सम्मलेन की चंद तस्वीरों में आदरणीय ओम नीरव जी के हाथों सम्मान प्राप्त करते हुए मेरी तस्वीर को भी स्थान दिया गया है ।
      सभी रचनाकारों के साथ साथ कवितालोक के सभी सदस्यों को बहुत बहुत बधाई ।

ममता लडीवाल
नई दिल्ली

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