ओम नीरव

मंगलवार, 26 अप्रैल 2016

गीतिका विधा एवं गीतिका संकलन का अद्भुत संगम--'गीतिकालोक'

समीक्ष्य कृति – गीतिकालोक, कृतिकार – ओम नीरव
(पृष्ठ – 280, पेपर कवर, मूल्य – 300 रूपये, संपर्क – 07526063802) 
Anmol Shukl Anmol
गीतिका विधा एवं गीतिका संकलन का अद्भुत संगम 
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      सिद्धहस्त प्रतिष्ठित कवि ओम नीरव जी द्वारा संपादित काव्य संकलन "गीतिकालोक" अपनी एक विशिष्टता के कारण हिन्दी रचनाकारों एवं प्रबुद्ध पाठकों के बीच शनैः शनैः लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है और उसका ये विशिष्ट पक्ष है कि हिन्दी की परिपाटी लिए रचनाकारों को छन्दानुशासन की सूक्ष्मतम जानकारियाँ पहुँचाना।
         श्री ओम नीरव जी ने इस श्रमसाध्य कार्य को जिस कुशलता से किया है उससे निश्चित ही आने वाले समय में कुछ श्रेष्ठ रचनाकार फलीभूत होंगे ऐसा मेरा मानना है।अपने में 280 पृष्ठों को समाहित करते हुए मनमोहक कलेवर युक्त ये संकलन दो खंडों में विभक्त है जिसके प्रथम खंड में लय को मापनी एवं आधारछंद की कसौटी पर कसते हुए गीतिका विधा की सांगोपांग व्याख्या को क्रमबद्ध रूप से नवोदितों को अत्यंत सरल एवं हृदयग्राही भाषा में व्याख्यायित किया गया है। श्री नीरव जी ने गीतिका विधा को आत्मसात करने के लिए तकनीकी शब्दावली,तुकांत विधान,मात्रा भार, मापनी, आधार छंद तथा मापनीयुक्त एवं मापनीमुक्त मात्रिक व वर्णिक छंद भेद प्रस्तुत कर जो संसार "गीतिका" के लिए परिकल्पित किया है,उसे सही अर्थों में "गीतिकालोक" के अतिरिक्त कोई अन्य नाम दिया ही नहीं जा सकता।मातृ भाषा हिन्दी को पल्लवित एवं पुष्पित करने हेतु वाणीपुत्र श्री ओम नीरव जी के इस समर्पण को ये संकलन एक "मील के पत्थर" की भाँति सुशोभित करेगा ऐसा मुझे विश्वास है।
             दूसरे खंड में 87 रचनाकारों की प्रतिनिधि गीतिकाओं के साथ साथ एक एक मुक्तक भी संकलित किया गया है।फेस बुक की आभासी दुनिया से प्रकाश में आए इन नये पुराने रचनाकारों की ये गीतिकाएं सुधी पाठकों को कितना आनन्दित कर पाएंगी इसका अनुमान लगाना तो किसी के लिए भी कठिन हो सकता है परन्तु ये निश्चित है कि ये रचनाएँ आनन्दित करेंगी अवश्य। फेस बुक पर छांदसिक रचनाओं एवं गीतिका विधा को समर्पित ग्रुप "कवितालोक" से जुड़े अधिकांश युवा रचनाकार इस ग्रुप को अपनी प्रारंभिक पाठशाला मानते हैं और प्रतिदिन भिन्न भिन्न छांदसिक जानकारियाँ देने वाले गुरुवर श्री ओम नीरव जी ने गुरु के रूप में कार्य करते हुए इन्हें कितना सक्षम बनाया है,इसकी झाँकी इस संकलन में स्पष्ट दिखाई देती है।मैं इन सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ तथा साथ ही साथ श्री ओम नीरव जी के इस भगीरथ प्रयास को जनमानस में प्रतिष्ठित स्थान मिलने हेतु शुभाकांक्षी हूँ।
इति शुभम् 


अनमोल शुक्ल 'अनमोल'
17 प्रोजेक्ट कालोनी
मायापुर हरिद्वार (उत्तराखंड)

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