ओम नीरव

रविवार, 16 अक्तूबर 2016

राष्ट्रीय पुस्तक मेला लखनऊ में कवितालोक का सफल कार्यक्रम "एक शाम शहीदों के नाम"

कवितालोक काव्य समारोह - 'एक शाम शहीदों के नाम'
=====================================

राष्ट्रीय पुस्तक मेला 'गागर में सागर' के सभागार में कवितालोक सृजन संस्थान की ओर से आयोजित काव्य समारोह 'एक शाम शहीदों के नाम'  में मुख्य अतिथि के रूप में आमे शहीद कैप्टन मनोज पाण्डेय के पूज्य पिताश्री पंडित गोपी चन्द पाण्डेय को 'राष्ट्र-गौरव' सम्मान से सम्मानित किया गया ! समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ नवगीतकार मधुकर अष्ठाना जी ने और संयोजन-संचालन युवा ओज कवि उमाकान्त पाण्डेय ने किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में अनागत काव्य धारा के प्रवर्तक डॉ अजय प्रसून एवं वरिष्ठ कवि-संचालक कमलेश मौर्य मृदु उपस्थित रहे। इस अवसर पर कवितालोक के संस्थापक अध्यक्ष ओम नीरव  ने सहभागी सभी कवियों को 'कवितालोक गौरव' से सम्मानित किया। सम्मान समारोह के बाद काव्य पाठ का क्रम माँ शारदा की वाणी वंदना से प्रारम्भ हुआ जिसे कवयित्री स्वाति मिश्रा ने प्रस्तुत किया। सीतापुर से पधारे कवि केदार नाथ शुक्ल ने प्रारम्भ में ही अमर शहीद मनोज पाण्डेय पर ओजस्वी काव्य पाठ कर कार्यक्रम के शीर्षक को सार्थक कर दिया ---

शौर्य देख लोग चकराये जान पाये नहीं
ओज था मनोज में किओज ही मनोज था।

विशिष्ट अतिथि कमलेश मौर्य मृदु ने जनाक्रोश को कुछ इस प्रकार व्यक्त करते हुए श्रोताओं से वाहवाही प्राप्त की --

पाकिस्तान ज़िन्दाबाद का लगाए जो भी नारा,
उसको तो ज़िंदा दफनाया जाना चाहिए।

संचालक ओज कवि उमाकांत पाण्डेय ने शहीद मनोज पाण्डेय के प्रति सम्मान कुछ इसप्रकार व्यक्त किया-- - 

गांधी अशफाक़ वीर विस्मिल सुभाष चन्द्र
कैप्टन मनोज का है प्यार वंदे मातरम।

मंजुल मंज़र ने भारत के राष्ट्रीय गौरव की बात इन शब्दों में की -

किसी को जख्म अपनी ओर से पहले नहीं देता
ये हिंदुस्तान अपने धैर्य को खोने नहीं देता । 

सुनील त्रिपाठी ने गीतिका से श्रोताओं को रसविभोर करते हुए सुनाया -

याचना अब नहीं सिर्फ रण चाहिए।
घाट प्रतिघात प्रत्याक्रमण चाहिए।

ओम नीरव ने गीत सुनाया - 

मातृ भू कैसे करें तुझको नमन !
हैं अधूरे ही पड़े तेरे सपन

समारोह अध्यक्ष मधुकर अष्ठाना ने शहीदों के नाम गीत सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया - 

शहीदों को नमन करना !
जिन्होंने शत्रुओं से युद्ध में सीखा नहीं डरना !

15 अक्टूबर को सायं 6:00 बजे राष्ट्रीय पुस्तक मेल मोती महल वाटिका लखनऊ मे 3 घंटे तक चले  इस समारोह में काव्यपाठ करने वाले अन्य कवियों में मुख्य थे -
डॉ अजय प्रसून, संदीप अनुरागी, अनिल बाँके, मिज़ाज लखनवी, इमरान अलियाबादी, राहुल द्विवेदी स्मित एवं कवयित्री स्वाति मिश्रा।

-:कवितालोक:-

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें